वेद दुनिया के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं । वेद ही हिन्दू धर्म के सर्वोच्च और सर्वोपरि धर्मग्रन्थ हैं । सामान्य भाषा में वेद का अर्थ है "ज्ञान"। वस्तुत: ज्ञान वह प्रकाश है जो मनुष्य-मन के अज्ञान-रूपी अन्धकार को नष्ट कर देता है । वेदों को इतिहास का ऐसा स्रोत कहा गया है जो पोराणिक ज्ञान-विज्ञान का अथाह भंडार है । वेद शब्द संस्कृत के विद शब्द से निर्मित है अर्थात इस एक मात्र शब्द में ही सभी प्रकार का ज्ञान समाहित है । प्राचीन भारतीय ऋषि जिन्हें मंत्रद्रिष्ट कहा गया है, उन्हें मंत्रो के गूढ़ रहस्यों को ज्ञान कर, समझ कर, मनन कर उनकी अनुभूति कर उस ज्ञान को जिन ग्रंथो में संकलित कर संसार के समक्ष प्रस्तुत किया वो प्राचीन ग्रन्थ "वेद" कहलाये । एक ऐसी भी मान्यता है कि इनके मन्त्रों को परमेश्वर ने प्राचीन ऋषियों को अप्रत्यक्ष रूप से सुनाया था । इसलिए वेदों को श्रुति भी कहा जाता है ।
वेद में एक ही ईश्वर की उपासना का विधान है और एक ही धर्म - 'मानव धर्म' का सन्देश है । वेद मनुष्यों को मानवता, समानता, मित्रता, उदारता, प्रेम, परस्पर-सौहार्द, अहिंसा, सत्य, संतोष, अस्तेय(चोरी ना करना), अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य, आचार-विचार-व्यवहार में पवित्रता, खान-पान में शुद्धता और जीवन में तप-त्याग-परिश्रम की व्यापकता का उपदेश देता है ।
वेद धर्म का मूल है, वेद सर्वज्ञानमय है । इस जगत, इस जीवन एवं परमपिता परमेश्वर; इन सभी का वास्तविक ज्ञान "वेद" है।
पितृदेव मनुष्याणां वेदश्चक्षु: सनातनम।
अशक्यच्च प्रमेयच्च वेदशास्त्रमिति स्थितिः ।।
'वेद' मनुष्यों का शाश्वत यक्षु है - जो शुभ और अशुभ का ज्ञान कराता है ।
वेद संसार के सभी रहस्यों की कुंजी है ।
अशक्यच्च प्रमेयच्च वेदशास्त्रमिति स्थितिः ।।
'वेद' मनुष्यों का शाश्वत यक्षु है - जो शुभ और अशुभ का ज्ञान कराता है ।
वेद संसार के सभी रहस्यों की कुंजी है ।
वेद क्या हैं?
वेद भारतीय संस्कृति के वे ग्रन्थ हैं, जिनमे ज्योतिष, गणित, विज्ञान, धर्म, ओषधि, प्रकृति, खगोल शास्त्र आदि लगभग सभी विषयों से सम्बंधित ज्ञान का भंडार भरा पड़ा है । वेद हमारी भारतीय संस्कृति की रीढ़ हैं । इनमे अनिष्ट से सम्बंधित उपाय तथा जो इच्छा हो उसके अनुसार उसे प्राप्त करने के उपाय संग्रहीत हैं । लेकिन जिस प्रकार किसी भी कार्य में महनत लगती है, उसी प्रकार इन रत्न रूपी वेदों का श्रमपूर्वक अध्यन करके ही इनमे संकलित ज्ञान को मनुष्य प्राप्त कर सकता है ।
वेद मंत्रो का संकलन और वेदों की संख्या
ऐसी मान्यता है की वेद प्रारंभ में एक ही था और उसे पढने के लिए सुविधानुसार चार भागो में विभग्त कर दिया गया । ऐसा श्रीमदभागवत में उल्लेखित एक श्लोक द्वारा ही स्पष्ट होता है। इन वेदों में हजारों मन्त्र और रचनाएँ हैं जो एक ही समय में संभवत: नहीं रची गयी होंगी और न ही एक ऋषि द्वारा । इनकी रचना समय-समय पर ऋषियों द्वारा होती रही और वे एकत्रित होते गए ।
शतपथ ब्राह्मण के श्लोक के अनुसार अग्नि, वायु और सूर्य ने तपस्या की और ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद को प्राप्त किया ।
प्रथम तीन वेदों को अग्नि, वायु और सूर्य से जोड़ा गया है । इन तीनो नामों के ऋषियों से इनका सम्बन्ध बताया गया है, क्योंकि इसका कारण यह है की अग्नि उस अंधकार को समाप्त करती है जो अज्ञान का अँधेरा है। इस कारण यह ज्ञान का प्रतीक बन गया है । वायु प्राय: चलायमान है, उसका काम चलना (बहना) है । इसका तात्पर्य है की कर्म अथवा कार्य करते रहना । इसलिए यह कर्म से सम्बंधित है। सूर्य सबसे तेजयुक्त है जिसे सभी प्रणाम करते हैं, नतमस्तक होकर उसे पूजते हैं। इसलिए कहा गया है की वह पूजनीय अर्थात उपासना के योग्य है । एक ग्रन्थ के अनुसार ब्रम्हाजी के चार मुखो से चारो वेदों की उत्पत्ति हुई ।
प्रथम तीन वेदों को अग्नि, वायु और सूर्य से जोड़ा गया है । इन तीनो नामों के ऋषियों से इनका सम्बन्ध बताया गया है, क्योंकि इसका कारण यह है की अग्नि उस अंधकार को समाप्त करती है जो अज्ञान का अँधेरा है। इस कारण यह ज्ञान का प्रतीक बन गया है । वायु प्राय: चलायमान है, उसका काम चलना (बहना) है । इसका तात्पर्य है की कर्म अथवा कार्य करते रहना । इसलिए यह कर्म से सम्बंधित है। सूर्य सबसे तेजयुक्त है जिसे सभी प्रणाम करते हैं, नतमस्तक होकर उसे पूजते हैं। इसलिए कहा गया है की वह पूजनीय अर्थात उपासना के योग्य है । एक ग्रन्थ के अनुसार ब्रम्हाजी के चार मुखो से चारो वेदों की उत्पत्ति हुई ।
१. ऋग्वेद
ऋग्वेद सबसे पहला वेद है, इसमें सृष्टि के पदार्थो का ज्ञान है । इसमें ईश्वर,जीव व् प्रकृति के गुण, जीवन के आदर्श सिद्धांत और व्यवहारिक ज्ञान वर्णित है ।
➤इस वेद में 1028 ऋचाएँ (मंत्र) और 10 मंडल (अध्याय) हैं । ऋग्वेद की ऋचाओं में देवताओं की प्रार्थना, स्तुतियाँ और देवलोक में उनकी स्थिति का वर्णन है ।
➤इस वेद में 1028 ऋचाएँ (मंत्र) और 10 मंडल (अध्याय) हैं । ऋग्वेद की ऋचाओं में देवताओं की प्रार्थना, स्तुतियाँ और देवलोक में उनकी स्थिति का वर्णन है ।
२. यजुर्वेद
यजुर्वेद में मुख्यतया कर्मकांड का वर्णन है । अर्थात मनुष्य अपने प्राप्त ज्ञान का किस प्रकार मनोवांछित एवं मोक्ष पाने के लिए प्रयोग करे ।
➤इस वेद की दो शाखाएँ हैं शुक्ल और कृष्ण । 40 अध्यायों में 1975 मंत्र हैं ।
➤इस वेद की दो शाखाएँ हैं शुक्ल और कृष्ण । 40 अध्यायों में 1975 मंत्र हैं ।
३. सामवेद
सामवेद में ईश्वर-स्तुति, वंदना-उपासना और आध्यात्मिक उन्नति के उपायों का वर्णन है ।साम अर्थात रूपांतरण और संगीत । इसमें भक्तिमय व शांतिदायक प्रार्थनाएं हैं, जो मानसिक और आध्यात्मिक विकास में बड़ी सहायक हैं ।
➤इस वेद में ऋग्वेद की ऋचाओं (मंत्रों) का संगीतमय रूप है । इसमें मूलत: संगीत की उपासना है । इसमें 1875 मंत्र हैं ।
➤इस वेद में ऋग्वेद की ऋचाओं (मंत्रों) का संगीतमय रूप है । इसमें मूलत: संगीत की उपासना है । इसमें 1875 मंत्र हैं ।
४. अथर्ववेद
अथर्ववेद में विज्ञान और तकनीकी ज्ञान का समावेश है । जैसे - मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति, कृषि, आयुर्वेद, सृष्टि-विज्ञान, गणित, ज्योतिष, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, सैन्य विज्ञान आदि ।
➤यह वेद सबसे बड़ा है, इसमें 20 अध्यायों में 5687 मंत्र हैं ।
➤यह वेद सबसे बड़ा है, इसमें 20 अध्यायों में 5687 मंत्र हैं ।
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135 Comments
Thanx, nice job..
ReplyDeletebahut ghan bardhakak gagar mae sagar
DeleteEvery Indian should read this, then only they will know how rich we are in science, culture, civilisation.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
DeleteVeds are really Great source of Knowledge.We have to Study Vedas
DeleteVeds are really Great source of Knowledge.We have to Study Vedas
DeleteYes veda is great.
DeleteVery sad himself that can't understand our ancestor language even all known this is our own priceless property not english. All Indian school only should study ved then we can change or outsider may not entire our cultural ethic. Jai shir krishna
DeleteTell me why it is written in the Yajurveda sloka 3340 that Vayudeva resides in space ...even though now scientifically it is proven that there is no air in space.
DeleteI don't think you know the definition of space?? Keep reading..
DeleteDon't worries, you can learn sanskrit easily at home within few days. This is helpful for reading vedas & amritmala. I also learn in these days from knowledgology youtube channel. select below link and open in youtube.
DeleteJai Shree Krishna.
https://www.youtube.com/playlist?list=PLNKc9XA6KRsPiNk9grlpwJwnnfY5dr2dN
क्या great है? कुछ जान कारी बढ़ाएँ-कृपया।
DeletePlease do not follow western culture.
ReplyDeleteGood sir really this is good job
ReplyDeletethanks sir I have read some information about Vedas by the help of your blog...
thanks
Thank You
ReplyDeleteIt is really interesting to know about our real identity and i m thank full to god to give birth me in India.Sir my humble requst to you that, can we shorten the all information of our "DHARMA-GRANTHA" to creat attract our present generation toward our Religious aspects.
ReplyDeletegood job sir.It has great knowledge about Hindus.
ReplyDeleteExcellent work for spreading the right awareness about our great & ancient religion .
ReplyDeleteIt will be indeed very nice if efforts are made to prepare audio and video recording of ....COMPLETE ... recitation of Rig Ved in the purest form ...along with copies of original text and translation and preserve it for posterity in best possible manner at 10 or more selected locations including "char dharm".
Similar action for other Vedas ... Upnishanas and other main dharma granths.
If copies could be made readily available... in every district of INDIA ....as well as to common people it will be excellent for spreading the message of our great religion and culture.
Dear Sir, you can get authentic Granthas from Geeta-Press, Gorakhpur or from Arya Samaj.
DeleteSir can get the knowledge that , how to read Veda
DeleteWe should make efforts to….. establish chairs in leading Universities in India & abroad ….as well as in IITs, Engineering & Medical colleges … based on support of….. leading Indians businessmen & professionals for study of …..impact of Ancient Indian Literature on…. Maths , Trigonometry ,Astronomy , Science , Technology , Medicine, Surgery ,Economics , Good Governance, Legal Systems etc.
ReplyDeleteआपकी प्रस्तुति गागर में सागर के समान है. . .
ReplyDeleteAny body want to spread these real knowledge in the world effectively, i am ready to support from heart and mind.
ReplyDeleteyou have gotten this message because you have commited on a web!
Deletehow will you support in spreading knowledge of ved?
Great work by Ancient Indians the Vedas are real knowledge in every field but we Indians as not maintained the legacy of this civilization we should give efforts to bring that respect back to india
ReplyDeleteVedas ki study kr k hme apni sankrti pta chalti h or ise read out krna sabhi k liye jruri h
ReplyDeletemuje lagta hai ki hame hamari school me se hi in ved, upishad aur puran ka gyan dena suru karna chahiye isi gyan se hamari sanskriti vapas ayegi aur HINDUSTAN e din super power banega aur hame sanskri language pe jor dena chahiye kyoki hamare ved, upnishad, puran jo bhi hai woh sanskrit me hi the aur yeh bhangwan ki bhasha hai or sanskri hi hamari sanskriti hai.
DeleteKYA IN VEDO ME MANUSHYA KE PAAPO SE MUKTI KA KOI UPAY HAI ? AGAR HAI TO KAISE MANUSHYA APNE JEEVAN KE PAAPO SE MUKTI PA SAKTA HAI ?
ReplyDeleteजी अवश्य, ऐसे लोगों को अपने किये गए पापों पर सच्चे मन से आत्मग्लानि करके, बाकी जीवन अन्य मानवों द्वारा बनाये गए विभिन्न प्रकार के ढोंगों से बचकर, ईश्वर के दिखाए रास्ते पर, तथा अच्छे कार्यों में व्यतीत करना चाहिए।
Deleteवेद हमें जीवन की हर मुश्किलों का समाधान प्रदान करते हैं।
ok.. so my question is according to ved.... there are four types of vedas : 1) Arth Ved 2) Rig Ved 3) Sam Ved and 4) Yajur Ved. so how many gods are mentioned in ved ? can you ex-plane it ?
ReplyDeleteAccording to rig veda "there is only one truth or god which can mention with many name".
DeleteONly three God as you know.All name is used for him.But sometimes worship sun,moon,cow etc for faith and goodwill.
DeleteANd may be many more,many people have no full knowledge of ved as like me!
God is one....and the three gods are a part of that...
DeleteGod is one....and the three gods are a part of that...
DeleteReligion is the realization of god- swami vivekanand....he also said that god is visible.... Without knowing god or seeing god one is not a religious
Delete33 gods in total
Delete8 vasus
11 rudras
12 adityas
Indra
And prajapati
Anupam, Abhar, Adhut Jankari,
ReplyDeleteKoti Koti Dhanywad.
Thank you so much sir,
ReplyDeletemai sbhi hindu bhaiyon se kehna chahunga hum apne chiderns ko bhi inke bare mai batana chahiye taki wo galat cheejon se dyan hata kar apne dharm ki raksha kar sake.
ReplyDeleteved gyano ka gyan h issi sai sabhi ka nirman hua h bina k ved k hmm khuch nhi chahai koi b unatiya ho
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThen how do people manage their time to read novels?
DeleteI think reading and understanding Vedas is not so easy. So, we just need to SIMPLIFY(with authenticity) and provide easy access to read Vedas content..!
In vedas is written that the only purpose of human is to know god...to worship god... But without seeing god it can not be possible...swami vivekanand says...adhyatm is the supreme of all .... If we want adhyatm we have to see god... And god can only be visible by a true saint... Written in every holy book...
DeleteThough a very. very old comment< i am seeing it today.
DeleteYou are wrong in that "In vedas is written that the only purpose of human is to know god...to worship god".
Let us increase our awareness of the ved mantra's and then only give such SUMMARY comments.
Let us re-activate this discussion (since you had been very active previously). Since long I was/am searching for some discussions on the topic-to increase each others' gyan.
wonderful im speechlessss
ReplyDeletevedas should be taught in schools. if not vedas,at least sanskrit so that one can read at its own
Deleteved andher jivan mein prakash ka kaam karte hai..... aap ke her saval ka jabab vedon mein hai
ReplyDeleteअति उत्तम।रामायण और महाभारत और आज के कलयुग के बारे में ये घटनाये होने से पहले ही ये सारा चित्रण वेदों में बहुत ही पहले ही कर दिया गया था।
ReplyDeleteजो बाते इस संसार में हो रही है वो पहले ही रची जा चुकी है
क्या ईश्वर दिखाई देता है ?
Deleteअति उत्तम।रामायण और महाभारत और आज के कलयुग के बारे में ये घटनाये होने से पहले ही ये सारा चित्रण वेदों में बहुत ही पहले ही कर दिया गया था।
ReplyDeleteजो बाते इस संसार में हो रही है वो पहले ही रची जा चुकी है
thank you for the valuable information you provided.
ReplyDeletevery very good
ReplyDeleteVery Very Good and big knowledge
ReplyDeleteThank you very much for your big efforts.
you are so nice.Jay Ho.
Vedas are the essence of our life, giving the ways to live our life, the treasure of our Hindu culture. We need to know, to spread and to protect it from the unsocial elements.
ReplyDeleteधन्यवाद, प्रस्तुत साहित्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। आर्यों के बारे में भी जानकारी मिल जाए तो अच्छा होगा।
ReplyDeleteExcellent job. High quality audio.There is a need to popularize ved like yoga.
ReplyDeleteExcellent job. High quality audio.There is a need to popularize ved like yoga.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteयजुर्वेद के महामृत्युंजय मन्त्र के हिन्दी अनुवाद मे कुछ त्रुटि है........कृपया सुधार करें |
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteधन्यवाद, प्रस्तुत साहित्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। आर्यों के बारे में भी जानकारी मिल जाए तो अच्छा होगा।
ReplyDeleteWonsterScript.com
ji
ReplyDeleteved hame jarur padna chahiye...
ReplyDeletewhy.......... what a reason
Deletevedas padhne ke liye maine bahut baar google par search kiya ...jo aaj safal ho Gaya mere dhanyabhaag ......
ReplyDeleteall these people should also read "Riddles in Hinduism for a balanced understanding ofvedas
ReplyDeleteRiddle is to not be able to understand Veda...
Deletethanks i like it.waheguru
ReplyDeleteKindly don't put up fights in the form of online quarrel over here. People who are not with us in it should simply refrain from seeing it. This blog is a magnanimous effort. To get the desire, the time and to arrange for an easy readable form is great. Appreciate it. Saadhuvaad to the authors and publishers.
ReplyDeletereally we should proud on our culture and ved puran, will not get anywhere like this information , think once what was we are and their forecasting about coming decades ..speechless..they mentioned at that what have to eat in space and what have to carry must read in BIMAN SHATRA ..very fantastic science .
ReplyDeletemental health care, 09929895334, madhubani, bihar ,
ReplyDeleteall in family must be mentally healthy without medicine, psychologist , care with internal power 09929895334, madhubani, bihar, shri pur hati,
ReplyDeleteOur truth of Life...Thank you so much :) ~
ReplyDeletethanks for giving us this knowledge about the Veda
ReplyDeletejo vedas or dharmik granth h wo truth h .mgar sabi vedas,puraan,saaster,dharmik grantho ka saara gyan pure guru k ek shabad m hota.guru k bina baat nhi banti dosto vedas saaster v yhi kehte h
ReplyDeletevedo ko hindu me karakar sabhi ko padana chahiye
ReplyDeletevery useful DHARMIKGRANTH INFORMATION
ReplyDeleteARE YOU SURE THAT THE RIGVEDA CONTAINS ONLY 1028 RICHAS?I SAY THAT THERE ARE10589 .YAJURVEDA HAS 1975 AS YOU MENTIONED .SAMVEDA HAS 1875 YOURS IS GOOD .AND ATHARVAVEDA HAS 5977 MANTRAS TOTAL WILL BE 20,416 MANTRAS .
ReplyDeletethanku
ReplyDeleteKya ved ka hindi version mil sakta hai
ReplyDeletethe vedas are great for every Indians & others who want to read this
ReplyDeleteOm,kya bed k bare me yani parmatma ka gyan sulabh tareeke se samast manavjati ko dene ka kya upay kya upay kiya gaya hai,,,bataye,,kaise bed ka gyan pracharit kiya jay,,,,
ReplyDeleteOm,kya bed k bare me yani parmatma ka gyan sulabh tareeke se samast manavjati ko dene ka kya upay kya upay kiya gaya hai,,,bataye,,kaise bed ka gyan pracharit kiya jay,,,,
ReplyDeletewhere can i buy full 4 vedas in hindi anyone plz tell me that..
ReplyDeleteanyone want shri Ram charit manas audio full path plz email me..sharmaricky909@gmail.com
ReplyDeleteSat sahib
ReplyDeletemene kabhi ved nahi pada hai. aaj pehli bar google par aapki site kol kar dev ke bare me jo jana hai us se muje aaschary hua ki me kitna sobhgyasali hu jo muje hindu sanskriti me janm mila . aaj muje yakin nahi ho raha hai ko jo gyan scintist ke pas ab tak nahi hai vo gyan hamare risi muniyo ne kitke purane time me hasil kar liya hai . dhanya hu me aaj hindu jo ho. jai hind
ReplyDeletemene kabhi ved nahi pada hai. aaj pehli bar google par aapki site kol kar dev ke bare me jo jana hai us se muje aaschary hua ki me kitna sobhgyasali hu jo muje hindu sanskriti me janm mila . aaj muje yakin nahi ho raha hai ko jo gyan scintist ke pas ab tak nahi hai vo gyan hamare risi muniyo ne kitke purane time me hasil kar liya hai . dhanya hu me aaj hindu jo ho. jai hind
ReplyDeletejai bharat. jai hind. risi muniyo ki saran me sat sat naman
ReplyDeleteक्या आप मुझे सभी वेदों को हिंदी में पढ़ने के लिए दे सकते हैं ? प्लीज ..... अगर आपको कहीं भी सभी वेड हिंदी भाषा में मिलें तो मुझे ईमेल की जियेगा ये मेरा ईमेल है raanijindal@gmail.com please sirrrrrrrrr
ReplyDeletehttp://vicharkrantibooks.org/vkp_ecom/Hindi_Books/Ved_Puran_Upnisad_in_Hindi/Vedon_Ki_Svarnim_Sooktiyan_Hindi
Deletehttps://www.awgpstore.com
Deleteयहां पर जाकर सारे वेद को आर्डर कर दो आठ खंड मेंआठ खंड में आएगा पूरा 15 सो लगेंगे
Thanks very much sir
DeleteThey all are really great & thanks to provided the all details as knowledge.
ReplyDeleteIt is an excellent information about our Indian richness in all fields. I wish I do some research to decode the matras and explain this scientific world some thing which science has not seen so far
ReplyDeleteI just wanted to add a comment to mention thanks for your post. This post is really interesting and quite helpful for us. Keep sharing.
ReplyDeleteReligious books
It's really great job. I sincerely express my gratitude to the publisher for his great endeavor.
ReplyDeleteveda is very my life is nice very beutyful god .and knloedge me class b.a part 3 veda latracture b.a sanskrit
ReplyDeleteवेद असल में ज्ञान का असिमित भंडार है ।इसे पढ़ कर भारत को छोड़ कर बाहर के देशों के वैज्ञानिकों ने विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की की और हम आज उनसे पीछे क्यों कि हम न कभी वेद पढ़े है और उसमें छुपे हुए ज्ञान का इस्तेमाल ही किया है । वेदों में मनुष्य के जीवन शैली से लेकर विज्ञान, अर्थशास्त्र, चिकित्सा, ज्योतिष, गणित, भौतिकी,रसायनशास्त्र, समाजशास्त्र, भूगोल, इतिहास,कला, खगोलशास्त्र,भूत-भविष्य जैसे बहुत से क्षेत्रों के बारे में एक सम्पूर्ण पुस्तक है ,जिसे हमे हमारे पूर्वजों की तरफ से दिया गया अनुपम तोहफा है। इसे जरूर पढ़ें।
ReplyDeleteAs many saints like Paramahansa Yoganandji said that Vedas are God's creations and hence they are called the SHRUTIs. So, they will re-appear again through seers even if they are thrown in sea or destroyed. Further Lord Krishna defines the purpose of Vedas in Shrimad Bhagwad Gita lesson 2-shlokas 45-46 for the ultimate goal i.e. self-realization / atma-sakhshatkar.
ReplyDeletegod is great they create a world and forgot us many of you think like that ? Is it true or false?
ReplyDeleteIs there any other source or books to read in more simplified in Hindi.
ReplyDeleteIs there any other source or books to read in more simplified in Hindi.
ReplyDeletethanku sir it very helpful for us
ReplyDeletethanku sir it very helpful for us
ReplyDeleteGreat. Good to read.
ReplyDeleteiF God is one so why do we worship so many God?
ReplyDeleteUltimate god is 1(Vishnu is the supreme God)
Deletebut Vishnu takes various avatar in form of ram,shiva etc
so people worship other gods by getting attached to there's qualities, stories, power, character etc.
“They enter darkness those who worship natural things.They sink deeper in darkness those who worship sambhuti (created things)" (Yajurved 40:9) that means we are wrong we hindus are worshiping idol we are in darkness ved opened my eyes thank u
ReplyDelete"The ignorant believe that un-manifest Para Brahma (One God) incarnates or takes manifestations, because they do not completely understand My highest, immutable, incomparable, and transcendental existence." (Bhagavad Gita 7:24)
ReplyDeleteI want to read Vedas, can anyone recommend me the good publisher with simple language (Hinda & Sanskrit)
ReplyDeletesuuppr veda se hum bhut khuc shik shkte hai,agr veda kaa gayan sbhi ko ho to bhut hi acha hoga isko new bacho ko shikana chahiye or sbhi jgh or city gaaw me shikana chahiye ,,phde likhe student ko iska gyan sbhi ko dena chahiye ,,,veda is megic,,
ReplyDeleteVast knowledge but not in used (familiar). There should be subject in school or colleges. To be published and well know to Indian.
ReplyDeletethanks for giving us this knowledge
ReplyDeletebut these are in sankrit or harder languge.
ReplyDeleteis there any institution or group which explains all its contents???
thanks . we are really grateful to you.
ReplyDeleteसंपूर्ण भगवद् गीता पढ़ने के लिए डाउनलोड कीजिये
ReplyDeletehttps://play.google.com/store/apps/details?id=com.infohub.bhagavadgitainhindi
in this don't mention of Sakshm ved. so plz mention that.
ReplyDeleteIs adbhut knowledge ke liye aapka aabhari hu, sabhi hindu ko follow karna chahiye
ReplyDeleteI always search to read the quality content and finally I found this in your post. Keep it up!
ReplyDeletehttps://blog.mindvalley.com/vedas
What sine,cos,tan in puran in Hindi. Bharat
ReplyDeleteplease check rigveda there is no 7, 8, 9, 10 mandle in pdf
ReplyDeletevery good
ReplyDeleteNICE JOB BRO
ReplyDeleteAdbhut gyan ko uplabdh krane hetu Aapka aabhar... Bhut Accha kary Kiya Aapne ... Rigved sanhita m sirf 6 Mandal hi Hindi m uplabdh kraye h... Aage k Mandal BHI uplabdh kraye taki usse sbko labh mile ... pramatmane namh...
ReplyDeleteVery excited we better knowledge than english our history is very powerful i m proud of it then why not study in the schools
ReplyDelete
ReplyDeletenot all only you can do it
if ,yes
then,
i am with you
because i am a science student in environment research
from u.p.
contact :7509737017
Hindu Blog is About Hindu Dharam, Hindu Itihas, Hindu Religion, Thoghts, Culture, Amazing Fact About Hindu Dharam, Gods, Devi, Devta, Pooja, Festivals, Amazing And Interesting Facts & Stories In Hindi.
ReplyDeletethank you.
ReplyDeleteSahi kisi ko nahi malum saamved ka sangeet se sambandh kaise bas itna batao kaise gaaya jata hai sangeet, kripaya karke vedas ji ka saamved pdf darlin.
ReplyDeleteUnless we study these char ved
ReplyDelete, our knowledge is incomplete. All Sanatan religious lovers must know these Vedas
나는 그 주제에 대해 괜찮은 것들을 찾고 있었고 지금까지 운이 없었습니다. 당신은 방금 새로운 열성 팬을 얻었습니다! 먹튀검증
ReplyDeleteGood site like this https://www.wisdommaterials.com/
ReplyDeleteबहुत अच्छा परंतु बहुत ही संक्षिप्त है।
ReplyDeleteयदि ये site अभी भी live है तो कृपया इसे एवलोकन कर के revise किया जाए।
क्र. स. 4 पर अथर्व वेद पर आपने लिखा है की यह सबसे बड़ा वेद है-5687 मंत्र।
कृपया संग्यान लीजिये कि सबसे बड़ा वेद ऋग्वेद है -लगभग 10,000 मंत्र। बाकी तीनों वेदों के मंत्रों की संख्या भी कुल मिला कर लगभग 10,000 ही है।
धन्यवाद
वीरेंद्र
मैं भाग्यशाली हूं कि ईश्वर ने मुझे यह सभी लेख पढ़ने समझने के लायक समझा। ईश्वर को बारंबार प्रणाम।
ReplyDelete